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मनुष्य के घरों का रूप समय एवं भौगोलिक स्थिति के अनुसार बदलता रहता है। इस पोस्ट में विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न प्रकार के घर Different Type of Houses के बारे में बताया गया है ।
विभिन्न प्रकार के घर
मिट्टी के घर
- मिट्टी के घर सामान्यत: गांवों में पाये जाते हैं ।
- ऐसे घर उन जगहों पर भी पाये जाते हैं, जहां गर्मी ज्यादा होती है, जैसे राजस्थान
- मिट्टी के घरों की दीवारें मोटी होती है जिससे गर्मी अंदर ना जा सके।
- ऐसे घरों की छत झाड़ियों या छप्पर की बनी होती है ।
- इन घरों की मिट्टी को मजबूत बनाने के लिए, मिट्टी में भूसा मिलाया जाता है ।
- ऐसे घरों को मिट्टी से लीपा जाता है, जिससे मिट्टी टूटे नहीं ।
- इन घरों के फर्श को गोबर से लीपा जाता है, ताकि कीड़े ना आयें ।
लकड़ी / बाँस के घर
- बाँस या लकड़ी के घर उन जगहों पर बनाए जाते हैं, जहां बारिश बहुत होती है ।
- ये जमीन से दस-बारह फुट ऊँचे बाँस के मज़बत खंभों पर बनाए जाते हैं , ताकि बाढ़ आने पर घर को कोई नुकसान न हो ।
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पत्थर के घर
- ऐसे घर पहाड़ी इलाके में बनाए जाते हैं ।
- ऐसी जगहों पर बारिश भी होती है और बर्फ भी पड़ती है ।
- ऐसे घरों की छत ढलवा होती है, जिससे बारिश का पानी या बर्फ नीचे गिर जाये ।
- कीड़ों से बचाने के लिए, इन घरों पर चूने की पुताई होती है ।
- ये घर एक से दो मंजिल के होते हैं ।
- ऐसे घर लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में पाये जाते हैं ।
ईंट के मकान
- ऐसे घर समतल क्षेत्रों (मैदीनी भागों) में पाये जाते हैं ।
- ये घर एक मंजिली भी होते हैं और बहुमंजिली भी ।
बर्फ के घर / इग्लू
- बर्फ के घर, बर्फीले क्षेत्रों में पाये जाते हैं ।
- इन घरों को इग्लू भी कहते हैं ।
- ये घर बर्फ के ब्लोक्स को जोड़कर बनाए जाते हैं ।
- ये गुंबद के आकार के होते हैं ।
- इन घरों के दरवाजे छोटे होते हैं, ताकि बर्फीली हवाएँ अंदर ना आ सकें ।
- ये घर एस्कीमो शिकारियों का अस्थायी घर होते हैं ।
हाउसबोट
- यह लकड़ी का घर होता है, जो हमेशा पानी में रहता है ।
- इन घरों पर खूबसूरत नक्काशी होती है ।
- ये पर्यटकों के लिए होते हैं ।
- हाउसबोट 80 फीट तक लंबे होते हैं ।
- ये कश्मीर और केरल में पाये जाते हैं ।
- कश्मीर के हाउसबोट की छतों पर लकड़ी की नक्काशी को खतमबंद कहते हैं ।
डोंगे
- ये कश्मीर में पाये जाने वाले बिना नक्काशी के हाउसबोट होते हैं ।
- ये स्थानीय लोगों द्वारा रहने के लिए उपयोग किए जाते हैं ।
- इनमें अलग अलग कमरे होते हैं ।
टेंट
- यह एक अस्थायी निवास है ।
- यह अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग चीजों से बनता है ।
- गरीब लोग शहरों में प्लास्टिक का टेंट लगाते हैं ।
- कुछ जगहों पर कपड़ों के टेंट का भी उपयोग होता है ।
- पर्वतारोहियों के टेंट दो लेयर वाली प्लास्टिक से बने होते हैं , ताकि ठंड ना लगे ।
- लद्दाख के चांगपा जनजाति के लोग याक के बालों की पट्टियों से टेंट बनाते हैं । इन टेंटों को रेबो कहते हैं।
हवेली / महल / किले
- इन का निर्माण राजा महाराजा या अमीर लोग करवाया करते थे ।
- ये बहुत बड़े होते हैं।
- इनमें बहुत सारे कमरे होते हैं।
- इनकी छतों , दीवारों, खंभों पर खूनसूरत नक्काशियाँ होती हैं।
- इनमें पत्थरों और लकड़ियों का बहुत उपयोग होता है ।
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