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गायत्री मंत्र

गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra)भगवान सूर्य की स्तुति में पढ़ा जाने वाला मंत्र है। गायत्री मंत्र ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् गायत्री मंत्र का अर्थ उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पाप-नाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सत्य-मार्ग में प्रेरित करे।

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औ की मात्रा के शब्द और वाक्य

औ की मात्रा के शब्द औ की मात्रा ‘ ौ’ के साथ बने होते हैं। जैसे क + ौ + न = कौन ब + ौ + ना = बौना र + ौ + न + क = रौनक औ की मात्रा वाले शब्द कौन दौड़ पौध चौक पौधा नौका कौवा लौकी मौसी मौसा गौरी…

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ओ की मात्रा वाले शब्द और वाक्य

ओ की मात्रा वाले शब्द ओ की मात्रा ‘ ो’ के साथ बने होते हैं। जैसे स + ो + च = सोच स + ो + ना = सोना क + ो + य + ल = कोयल ओ की मात्रा से बने शब्द रोज सोच मोच जोत नोट लोभ शोर मोर भोग लोग…

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ऐ की मात्रा वाले शब्द और वाक्य

ऐ की मात्रा वाले शब्द ऐ की मात्रा ‘ ै’ के साथ बने होते हैं। जैसे ब + ै + ल = बैल ज + ै + न = जैन स + ै + नि + क = सैनिक ऐ की मात्रा वाले शब्द जैन बैल पैर सैर बैठ मैला थैला पैसा मैना जैनी शैया…

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ए की मात्रा वाले शब्द और वाक्य

ए की मात्रा वाले शब्द ए की मात्रा ‘े’ के साथ बने होते हैं। जैसे र + े + ल = रेल ज + े + ल = जेल स + े + व + क = सेवक ए की मात्रा वाले शब्द शेर बेर देर जेठ खेल मेल रेल जेल सेब भेद तेल बेटा…