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History Questions for SSC, UPSC, UPPSC & Other Exams

In this post 30 Important History Questions for SSC, UPSC, UPPSC, State PSC & Other Examinations (30 History MCQ) with 4 choices are given. Most of these questions have previously been asked in SSC CGL and other examinations. Attempt these question. Answer of these History MCQ General Awareness Questions are available in the last of this post. Check how many of your answers are correct and share your score using comment section.

Read – Previous Years Geography Questions for SSC CGL Exam

History Questions for SSC, UPSC, UPPSC & Other Exams

1- Gandhiji’s Satyagraha’ meant an attachment to the following two elements
a) Knowledge and religion
b) Truth and non-violence
c) Truth and chastity
d) Love of motherland and hate for colonial masters

2- The First Woman President of the Indian National Congress was
a) Sarojini Naidu
b) Vijayalakshmi Pandit
c) Annie Besant
d) Kadambani Ganguli

3- Indian National Congress split for the first time in its session at
a) Allahabad
b) Calcutta
c) Surat
d) Lahore

4- Who among the following Sikh Gurus laid the foundation of
Amritsar?

a) Guru Amar Das
b) Guru Ram Das
c) Guru Arjun Dev
d) Guru Hargobind

5- Who presided over the first session of the Indian National Congress?
a) A.O. Hume
b) Surendranath Banerjee
c).W.C. Banerjee
d) Badruddin Tayyabji

6- Who is generally considered to be the father of the Indian Renaissance?
a) Rabindranath Tagore
b) Raja Rammohan Roy
c) Mahatma Gandhi
d) M.G. Ranade

7- The ideas of Liberty, Equality and Fraternity, which influenced the Indian National Movement, was taken from
a) American revolution
b) Russian revolution
c) Chinese revolution
d) French revolution

8- In which year did the Kakori conspiracy case take place?
a) 1925
b) 1924
c) 1926
d) 1927

9- Who was the founder of the Theosophical Society?
a) Justice Ranade
b) Madam Blavatsky.
c) Annie Besant
d) Bal Gangadhar Tilak

10-Who referred to Mahatma Gandhi as “Father of the Naiton” for the first time?
a) Jawaharlal Nehru
b) Sardar Vallabhbhai Patel
c) C. Rajgopalachari
d) Subhash Chandra Bose

Biology GK MCQ Exercise for SSC CGL & Other Exams

11-During which Viceroy the capital of India was shifted from Calcutta to Delhi?
a) Lord Canning
b) Lord Hardinge
c) Lord Lytton
d) Lord Clive

12-The only Viceroy to be assassinated in India was
a) Lord Hardinge
b) Lord Northbrook
c) Lord Ellenborough
e) Lord Mayo

13- Which one of the following papers was edited by Gandhiji in South Africa?
a) Indian Opinion
b) Harijan
c) Young India
d) Indian Mirror

14- Who introduced the “Doctrine of Lapse” to expand British
Territories in India?

a) Lord Hastings
b) Lord Wellesley
c) Lord William Bentinck
d) Lord Dalhousie

15- What was the immediate cause of the Mutiny of 1857?
a) The discontentment of the soldiers
b) The use of greased cartridges in the new Enfield Rifle
c) The social conditions of India
d) The introduction of railways and telegraphs

History GK MCQ contd…

16- Which of the following periodicals is not correctly matched with its editor?
a) Vande Mataram : Aurobindo Ghosh
b) New India : Bipin Chandra Pal
c) Yugantar : Bhupendranath Dutta
d) Sandhya : Barindra Ghosh

17- General Dyer, who was responsible for Jallianwala Bagh massacre, was shot dead by
a) Hasrat Mohini
b) Vir Savarkar
c) Udham Singh
d) Jatin Das

18- Birju Maharaj, is a well known exponent of
a) Manipuri dance
b) Kathak
c) Odissi
d) Kathakali

19- Sattriya is a classical dance form of
a) Manipur
b) Uttar Pradesh
c) Assam
d) Andhra Pradesh

20- What is the Mehrauli Pillar in the complex of Qutub Minar Primarily famous for ?
a) Proverbial height
b) Skilful stone cutting
c) Excellent quality steel
d) Statue of Buddha on top

Read – Superlatives of the World in Hindi – सबसे बड़ा, लंबा, ऊंचा, छोटा

21- Chalukya temples (Jain temples) at Dilwara are situated in
a) Madhya Pradesh
b) Uttar Pradesh
c) Rajasthan
d) Haryana

22- Who is considered to be the founder of the Gupta empire?
a) Chandragupta II
b) Chandragupta I
c) Samundragupta
d) Srigupta

23- Lord Buddha gave his first sermon at
a) Sarnath in Uttar Pradesh
b) Bodhgaya in Bihar
c) Nalanda in Bihar
d) None of the above

24- A semi-circular structure with a dome-shaped roof erected over the sacred relics of Buddha is known as
a) Stupas
b) Edicts
c) Pillars
d) Monoliths

25- The Battle of Plassey was fought in year
a) 1757
b) 1775
c) 1576
d) 1761

26- Name the famous king of Kushan dynasty
a) Kanishka
b) Pulakesin
c) Harsha
d) Vikramaditya

27- What is the meaning of the word ‘Sangam’ in the Sangam age?
a) Royal Court
b) Assembly of poets
c) Assembly of religious leaders
d) Meeting of rivers

28- The first Mughal Emperor of India was
a) Shah Jahan
b) Humayun
c) Babur
d) Akbar

29- When did the British make English the medium of instruction in India?
a) 1813
b) 1833
c) 1835
d) 1844

30- Enumerate the Vedangas.
a) Eleven
b) Six
c) Four
d) Five

Answers of above History Questions for SSC, UPSC, UPPSC & Other Exams

1(b), 2(c), 3(c), 4(b), 5(c), 6(b), 7(d), 8(a), 9(b), 10(d), 11(b), 12(d), 13(a), 14(d), 15(b), 16(d), 17(c), 18(b), 19(c), 20(c), 21(c), 22(d), 23(a), 24(a), 25(a), 26(a), 27(b), 28(c), 29(c), 30(b)

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धार्मिक आन्दोलन – सूफी आन्दोलन और भक्ति आन्दोलन

मध्यकालीन भारतीय इतिहास के अंतर्गत धार्मिक आन्दोलनों को मुख्यत: सूफी आन्दोलन और भक्ति आन्दोलन में बांटा गया है। इस पोस्ट में सूफी आन्दोलन और भक्ति आन्दोलन के बारे में बताया गया है।

यह भी पढ़ें-
मध्यकालीन भारतीय इतिहास Medieval Indian History in Hindi
दिल्ली सल्तनत Delhi Sultanate in Hindi
विजयनगर साम्राज्य, बहमनी राज्य और स्वतन्त्र प्रान्तीय राज्य

धार्मिक आन्दोलन – सूफी आन्दोलन, भक्ति आन्दोलन

सूफी आन्दोलन

9वी सदी में बसरा (ईराक) में सूफी मत का आरंभ हुआ। सूफी दर्शन एकेश्वरवाद में विश्वास करता था। यह एक प्रकार का रहस्यवादी दर्शन था।

शेख अली हुजविरी (गजनवी) भारत में पहले सूफी संत थे। जिनसे भारत में सूफी आन्दोलन की शुरुआत हुई। राबिया पहली महिला सूफी संत थी।

अजमेर के ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती, दिल्ली के शेख निजामुद्दीन औलिया और नासिरुद्दीन,फतेहपुर सीकरी के शेख सलीम चिश्ती तथा फरीदुदरीन गंजशकर प्रसिद्ध सूफी सन्त थे।

सूफी सम्प्रदाय एवं उनके संस्थापक

सम्प्रदायसंस्थापकभारत में प्रचारक
चिश्तीअबू अब्दाल चिश्तीख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती
सुहारावर्दीशेख शिहाबुद्दीन उमा सुहरावर्दीबहाउद्दीन जकारिया
कादिरीअब्दुल कादिरशाह नियामतुल्ला
नक्शबन्दीख्वाजा बाकी बिल्लाहमखदूम जिलानी
शत्तारियाअब्दुल शत्तार
सूफी सम्प्रदाय एवं उनके संस्थापक

भक्ति आन्दोलन

हिन्दू धर्म व समाज सुधार के लिए मध्यकाल में भक्ति आन्दोलन का उदय हुआ। छठी शताब्दी में भक्ति आन्दोलन का आरंभ दक्षिण में तमिल क्षेत्र में हुआ, जो कर्नाटक और महाराष्ट्र में फैल गया।

भक्ति आन्दोलन का विकास 12 अलवार वैष्णव संतों तथा 63 नयनार शैव संतों ने किया

भक्ति आन्दोलन दक्षिण भारत से उत्तर भारत में रामानन्द के द्वारा लाया गया।

उत्तर में कबीर और रामानन्द , दक्षिण में रामानुज, महाराष्ट्र में नामदेव, बंगाल में चैतन्य एवं पंजाब में गुरुनानक भक्ति आन्दोलन के प्रमुख सन्त थे। कबीर की शिक्षाएँ बीजक में संग्रहित हैं।

भक्ति आन्दोलन की विशेषताएं

  • एकेश्वरवाद
  • वाह्य आडंबरों का विरोध
  • वर्ण व्यवस्था का विरोध
  • मानव सेवा पर बल
  • स्थानीय भाषाओं में उपदेश
  • गुरु के महत्व में वृद्धी
  • आस्था और भक्ति पर बल

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विजयनगर साम्राज्य, बहमनी राज्य और स्वतन्त्र प्रान्तीय राज्य

इस पोस्ट में मध्यकालीन भारतीय इतिहास के अंतर्गत उत्तरवर्ती राजवंशविजयनगर साम्राज्य, बहमनी राज्य और स्वतन्त्र प्रान्तीय राज्य (बंगाल, मेवाड़ और जौनपुर) के बारे में बताया गया है।

यह भी पढ़ें-
मध्यकालीन भारतीय इतिहास Medieval Indian History in Hindi
दिल्ली सल्तनत Delhi Sultanate in Hindi

विजयनगर साम्राज्य, बहमनी राज्य और स्वतन्त्र प्रान्तीय राज्य

विजयनगर साम्राज्य (1336 – 1650 ई.)

दक्षिण भारत में विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर एवं बुक्का ने की। माधव विद्यारण्य, हरिहर एवं बुक्का के गुरु थे। विजयनगर साम्राज्य में निम्नलिखित चार वंश थे।

  1. संगम वंश Sangam Dynasty
  2. सालुव वंश Saluv Dynasty
  3. तुलुव वंश Tuluv Dynasty
  4. अरावीडू वंश Aravidu Dynasty

हरिहर एवं बुक्का ने अपने पिता संगम के नाम पर संगम राजवंश की स्थापना की

विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी और राजभाषा तेलगू थी

देवराय प्रथम के समय इटली का यात्री निकोलो कोटी 1420 ई. में विजयनगर आया।

देवराय द्वितीय के समय अब्दुल रज्जाक विजयनगर आया था ।

इस साम्राज्य का महान् शासक कृष्णदेव राय एक कुशल योद्धा एवं विद्वान् था। उसके शासनकाल में पुर्तगाली यात्री डोमिगोस पायस आया था।

कृष्णदेव राय ने तेलुगू भाषा में अमुक्तमाल्यद एवं संस्कृत जाम्बवती कल्याणम् एवं उषा परिणय की रचना की

बनीहट्टी के नजदीक तालीकोटा (रक्षसी तंगड़ी) के प्रसिद्ध युद्ध (1565 ई.) में विजयनगर का शासक रामराय पराजित हुआ। इसी के साथ दक्षिण में हिन्दू सर्वोच्चता का अन्त हो गाया ।

विजयनगर साम्राज्य के खंडहर तुंगभद्रा नदी पर स्थित हैं

बहमनी राज्य (1347-1518 ई.)

मुहम्मद तुगलक के शासनकाल में हसन गंगू / अलाउद्दीन हसन / बहमन शाह ने बहमनी साम्राज्य की स्थापना की थी, उसकी राजधानी गुलबर्गा एवं राजभाषा मराठी थी।

अलाउद्दीन हसन के बाद उसका पुत्र मुहम्मद शाह प्रथम सुल्तान बना। चौल और दभोल इस समय के प्रमुख बन्दरगाह थे

महमूद गवाँ एक फारसी था, जो लगभग 25 वर्षों तक बहमनी साम्राज्य में मन्त्री रहा ।

बहमनी शासक हुमायूँ को दक्कन का नीरो कहा जाता था। 1417 ई. में मुहम्मद तृतीय के शासनकाल में रूसी यात्री निकितन बहमनी साम्राज्य की यात्रा पर आया था। महमूद गवाँ की हत्या के बाद बहमनी पाँच छोटे-छोटे राज्यों बीदर, अहमदनगर,बीजापुर, गोलकुण्डा तथा बरार में विभाजित हो गया

राज्यराजवंशसंस्थापक
अहमदनगरनिजामशाहीमलिक अहमद
बीजापुरआदिलशाहीयुसुफ आदिल शाह
गोलकुण्डाकुतुबशाहीकुली कुतुबशाह
बीदरबरीदशाहीअमीर अली बरीद
बरारइमादशाहीफतेहउल्ला इमादशाह
बहमनी राज्य के विखण्डन से बने पाँच राज्य

बरार के अलावा अन्य चार राज्यों ने मिलकर तालीकोटा के युद्ध में विजयनगर साम्राज्य को नष्ट कर दिया।

Read – Basic Formulas of Area and Perimeter

बंगाल Bengal

बख्तियार खिलजी ने बंगाल को दिल्ली सल्तनत में मिलाया था। मोहम्मद बिन तुगलक के काल में 1338 में बंगाल को एक स्वतंत्र राज्य मुबारक शाह ने बनाया

सिकंदर शाह ने अदीना मस्जिद का निर्माण कराया। जलालुद्दीन के शासनकाल में कृतिवास ने बांग्ला में रामायण का अनुवाद किया

बाबर के आक्रमण के समय बंगाल का शासक नुसरत शाह था। नुसरत शाह की चर्चा तुजुक ए बाबरी में की गई है।

जौनपुर Jaunpur

जौनपुर की स्थापना फिरोजशाह तुगलक ने अपने भाई जूना खााँ या मुहम्मद बिन तुगलक की स्मृति में की थी। जौनपुर में स्वतंत्र शर्क़ी राजवंश की स्थापना मलिक सरवर ख्वाजा जहान ने की थी। जौनपुर के अन्य प्रमुख शासक निम्नलिखित थे।

  • मुबारकशाह (1399-1402 ई.)
  • शमसुद्दीन इब्राहिमशाह (1402-1436 ई.)
  • महमूद शाह (1436-1451ई.)
  • हुसैनशाह (1458-1500 ई.) – अंतिम शासक

इब्राहिम शाह के समय जौनपुर में साहित्य और स्थापत्य कला के तिकास के कारण जौनपुर को भारत का शिराज कहा जाता था।

लगभग 75 वर्ष तक स्वतंत्र रहने के बाद जौनपुर पर बहलोल लोदी ने कब्जा कर लिया था।

पढ़ें- पर्यायवाची शब्द – Paryayvachi Shabd for Competitive Exams

मेवाड़ Mevaad

अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 ई. में मेवाड़ के गुहलौत राजवंश के रत्नसिंह को पराजित कर मेवाड़ को दिल्ली सल्तनत में मिलाया था।

गुहलौत वंश की एक शाखा सिसोदिया वंश के हम्मीरदेव ने मुहम्मद तुगलक को हराकर पूरे मेवाड़ को स्वतंत्र कराया

1448 ई. में राणा कुम्भा ने चित्तौड़ में विजय स्तम्भ बनाया। 1517-18 ई. में घटोली के युद्ध में राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराया था ।

खानवा का युद्ध 1527 ई. में राणा सांगा एवं बाबर के बीच हुआ, जिसमें बाबर विजयी हुआ

हल्दीघाटी का युद्ध 1576 ई. में राणा प्रताप एवं अकबर के बीच हुआ, जिसमें अकबर विजयी हुआ

आगे पढ़ें:-

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दिल्ली सल्तनत Delhi Sultanate in Hindi

इस पोस्ट में मध्यकालीन भारतीय इतिहास के अंतर्गत दिल्ली सल्तनत Delhi Sultanate के बारे में Hindi बताया गया है। दिल्ली सल्तनत Delhi Sultanate का समय 1206 ई. से 1526 ई. तक रहा, जिसे निम्नलिखित 5 भागों/ पाँच वंशों में बांटा गया है।

  1. गुलाम वंश (1206-1290 ई.)
  2. खिलजी वंश (1290-1320 ई.)
  3. तुगलक वंश (1320-1413 ई.)
  4. सैयद वंश (1414-1451 ई.)
  5. लोदी वंश (1451-1526 ई.)

पढ़ें – मध्यकालीन भारतीय इतिहास Medieval Indian History in Hindi

गुलाम वंश (1206-1290 ई.)

गुलाम वंश को मामलुक वंश और इल्बरी तुर्क वंश के नाम से भी जाना जाता है। गुलाम वंश का शासन 1206 ई. से 1290 ई. तक रहा। इस वंश में निम्न शासकों ने शासन किया।

  • कुतुबुद्दीन ऐबक Qutbuddin Aibak
  • इल्तुतमिश Iltumish
  • रजिया सुल्तान Rajia Sultan
  • बलबन Balban

कुतुबुद्दीन ऐबक Qutbuddin Aibak (1206 – 1210)

Qutbuddin Aibak कुतुबुद्दीन ऐबक मुहम्मद गोरी का सिपहसालार (गुलाम) था। वह भारत में तुर्की राज्य का संस्थापक था।

कुतुबुद्दीन ऐबक जून, 1206 में सुल्तान बना। उसने लाहौर को अपनी राजधानी बनाया।

ख्वाजा बख्यिार काकी की स्मृति में कुतुबमीनर की नींव कुतुबुद्दीन ऐबक ने रखी थी।

उसने दिल्ली में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद तथा अजमेर में अढ़ाई दिन का झोपड़ा बनवाया।

कुतुबुद्दीन ऐबक को लाख बख्श भी कहा जाता है।

ऐबक की मृत्यु 1210 ई. में चौगान खेलते समय घोड़े से गिरकर हो गई। उसे लाहौर में दफनाया गया।

इल्तुतमिश Iltutmish (1210-36)

दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक इल्तुतमिश को कहा जाता है।

इल्तुतमिश 1210 ई. में दिल्ली की गद्दी पर बैठा था। इसने आरामशाह (लाहौर में गद्दीनशीन) को आसानी से परास्त कर दिया।

वह पहला शासक था, जिसने 1229 ई. में बगदाद के खलीफा से वैधानिक स्वीकृति प्राप्त की। इसने चालीस तुर्क सरदारों के दल तुर्कान-ए-चहलगानी का गठन किया।

इल्तुमिश ने 1231-32 ई. में कुतुबमीनार का निर्माण कार्य पूरा किया तथा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह बनवाई।

इल्तुमिश ने सबसे पहले शुद्द अरबी सिक्के जारी किए। (चांदी का टंका और ताँबे का जीतल)।

इल्तुतमिश की मृत्यु अप्रैल 1236 ई. में हुई।

रजिया सुल्तान Razia Sultan (1236-40)

इल्तुतमिश की पुत्री रजिया ने रुकनुद्दीन फिरोज को अपदस्थ कर गद्दी प्राप्त की थी। रजिया दिल्ली सल्तनत की प्रथम मुस्लिम महिला शासिका थी। वह 1236 ई. में गद्दी पर बैठी।

रजिया ने अल्तुनिया से विवाह किया। रजिया ने पर्दाप्रथा का त्याग किया और पुरुषों की तरह चोगा (काबा) और कुलाह (टोपी) पहनकर राजदरबार में खुले मुंह से जाने लगी।

रजिया की हत्या 1240 ई. में कैथल में हुई। रजिया के बाद बहरामशाह, अलाउद्दीन मसूदशाह तथा नसीरुद्दीन महमूद ने शासन किया, परन्तु वे अयोग्य थे और बलबन ने सत्ता हथिया ली।

गयासुद्दीन बलबन Ghyasuddin Balban (1266-86)

बलबन 1266 ई. में गद्दी पर बैठा। अपने विरोधियों की समाप्ति के लिए उसने लौह एवं रक्त की नीति अपनाई तथा चालीसा को समाप्त कर दिया।

उसने ने नियाबत-ए-खुदाई तथा जिल्ले-इलाही की उपाधि ग्रहण की।

बलबन ने पारसी-नववर्ष नौरोज की शुरुआत की।

उसने तुर्कान ए चहलगामी को समाप्त किया। उसने वारीद ए मुबालिक नामक गुप्तचर विभाग दीवान ए अर्ज नामक सैन्य विभाग की शुरुआत की।

बलबन ने दरबार में सिजदा तथा पाबोस नामक प्रथाओं की शुरुआत की। उस के दरबार में अमीर ए खुसरो और अमीर हसन नामक विद्वान थे।

उसने सैन्य विभाग (दीवान-ए-आरिज) का गठन किया।

बलबन के काल में ही बंगाल में बुगरा खां ने विद्रोह किया था।

पढ़ें – Geography MCQ Exercise for SSC & Other Exams

खिलजी वंश Khilji Dynasty (1290-1320 ई.)

खिलजी वंश का शासन काल सबसे कम था। खिलजी वंश का शासन 1290 ई. से 1320 ई. तक रहा। इस वंश में निम्न शासकों ने शासन किया।

  • जलालुद्दीन फिरोज खिलजी
  • अलाउद्दीन फिरोज खिलजी
  • मुबारक शाह खिलजी

जलालुद्दीन फिरोज खिलजी Jalaluddin Firoz Khilji
(1290-1320)

1290 ई. में जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने खिलजीवंश की स्थापना की।

उसने किलोखरी को अपनी राजधानी बनाया। उसने दीवान ए वकूफ नामक व्यय विभाग का गठन किया।

सुल्तान कैकुबाद ने उसे शाइस्ता खाँ की उपाधि दी थी।

अलाउद्दीन खिलजी Alauddin Khilji / Ali / Gurushap (1296-1316)

1296 ई. में अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली का सुल्तान बना।

उसने कई सैन्य सुधार किए। उसने सेना को नकद वेतन देने एवं स्थायी सेना की नींव रखी। घोड़ा दागने एवं सैनिकों का हुलिया लिखने की प्रथा आरम्भ की।

बाजार नियन्त्रण प्रणाली को दृढ़ता से लागू किया। उसने मंडियों का गठन किया और वस्तुओं के दाम राज्य द्वारा तय करना शुरू किया । उसने माप तोल का मानकीकरण किया।

उसने मलिक काफूर को दक्षिण भारत की विजय के लिए भेजा। जमायतखाना मस्जिद, अलाई दरवाजा, सीरी का किला तथा हजार सितून महल का निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने करवाया था।

उसने सिकन्दर-ए-सानी (सिकन्दर द्वितीय) की उपाधि ग्रहण की तथा जाब्ता (भूमि की पैमाइश) के आधार पर लगान का निर्धारण किया।

राजस्व प्रणाली में सुधार हेतु दीवान-ए-मुस्तखराज विभाग की स्थापना की।

अमीर खुसरो, अलाउद्दीन खिलजी का दरबारी कवि था। सितार एवं तबले के अविष्कार का श्रेय उसे दिया जाता है।

अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु 1316 ई. में हुई

मुबारक शाह खिलजी Mubarak Khilji (1316-1320)

मुबारक शाह खिलजी पहला सुल्तान था जिसने स्वयं को खलीफा घोषित किया

उसने खिलाफत उल-लह अल-इमाम की उपाधि धारण की।

पढ़ें – उत्तर प्रदेश के प्रमुख वार्षिक उत्सव और मेले

तुगलक वंश Tughlaq Dynasty (1320-1413 ई.)

तुगलक वंश का शासन 1320 ई. से 1413 ई. तक रहा। इस वंश में निम्न शासकों ने शासन किया।

  • गयासुद्दीन तुगलक
  • मुहम्मद-बिन-तुगलक
  • फिरोजशाह तुगलक

गयासुद्दीन तुगलक Gayasuddin Tughlaq (1320-1326)

1320 ई. में खुसरो खाँ को पराजित कर गयासुद्दीन तुगलक दिल्ली के सिंहासन पर बैठा और तुगलक वंश की स्थापना की।

सिंचाई हेतु नहर निर्माण कराने वाला वह दिल्ली सल्तनत का प्रथम शासक था। गयासुद्दीन तुगलक ने दिल्ली में तुगलकाबाद नामक नया नगर स्थापित किया।

सूफी सन्त निजामुद्दीन औलिया से इसके मतभेद थे। बंगाल अभियान से लौटते समय इसने निजामुद्दीन औलिया को उसके दिल्ली पहुंचने से पहले दिल्ली छोड़ देने का आदेश दिया। इस पर निजामुद्दीन औलिया ने जवाब दिया “हनूज दिल्ली दूर अस्त” अर्थात् दिल्ली अभी दूर है।

गयासुद्दीन तुगलक को “गाजी” उपाधी से नवाजा गया था।

गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु 1325 ई. में बंगाल के अभियान से लौटते समय जौना खाँ द्वारा निर्मित लकड़ी के महल में दबने से हुई। उसका मकबरा दिल्ली में बना है।

मुहम्मद-बिन-तुगलक Mohammad bin Tughluq (1325-1351)

गयासुद्दीन के बाद जौना खाँ ‘मुहम्मद-बिन-तुगलक‘ के नाम से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा। वह दिल्ली का सबसे अधिक शिक्षित सुल्तान था

1327 ई. में उसने अपनी राजधानी दिल्ली से देवगिरि में स्थानान्तरित की और इसका नाम दौलताबाद रखा

सुल्तान ने दोआब क्षेत्र में 50% कर वृद्धि का आदेश दिया था, किन्तु ‘प्लेग’ फैलने से उसे इस आदेश को वापस लेना पड़ा

मुहम्मद-बिन-तुगलक ने काँसे/पीतल की सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन किया, जिनका मूल्य चाँदी के रुपये टंका के बराबर होता था।

उसने कृषि विकास हेतु दीवान-ए-कोही विभाग की स्थापना की। 1333 ई. में मोरक्को का प्रसिद्ध यात्री इब्नबतूता भारत आया। वह दिल्ली में आठ वर्षों तक काजी बन कर रहा था। मुहम्मद-बिन- तुगलक की मृत्यु 1351 ई. में थट्टा के निकट गोडाल में हो गई।

इसकी मृत्यु पर इतिहासकार अब्दुल कादिर बदायूँनी ने लिखा कि “सुल्तान को लोगों से तथा लोगों को सुल्तान से मुक्ति मिल गई।”

फिरोजशाह तुगलक Ferozeshah Tughlaq (1351-88)

फिरोजशाह तुगलक 1351 ई. में दिल्ली का सुल्तान बना। वह मोहम्मद बिन तुगलक का चचेरा भाई था।

उसने 24 कष्टदायक करों को समाप्त कर केवल चार कर-खराज, खम्स, जजिया (ब्राह्मणों पर भी) एवं जकात वसूल करने का आदेश दिया । फिरोजशाह तुगलक ने हिसार, फिरोजाबाद (दिल्ली), फतेहाबाद, जौनपुर, फिरोजपुर जैसे नगरों की स्थापना की।

सुल्तान फिरोज तुगलक न दिल्ली मे कोटला फिरोजशाह दुर्ग का निर्माण करवाया।

फिरोजशाह ने बिजली गिरने से ध्वस्त कुतुबमीनार की पांचवीं मंजिल का पुनर्निर्माण करवाया।

इसने चााँदी एवं तााँबे के मिश्रण से निर्मित सिक्के भारी संख्या में जारी कराये, जिसे अद्धा एवं विख कहा जाता था

फिरोज ने फारसी भाषा में अपनी आत्मकथा फुतुहत-ए-फिरोजशाही की रचना की। बरनी, इसका दरबारी था। इसने तारीख-ए-फिरोजशाही नामक पुस्तक लिखी।

खलीफा द्वारा ने उसे कासिम अमीर उल मोममीन की उपाधि दी। हेनरी इलियट ने उसे सल्तनत काल का अकबर कहा है।

तुगलक वंश का अन्तिम शासक नासिरुद्दीन महमूद था। तैमूरलंग ने नासिरुद्दीन महमूद के समय 1398 ई. में दिल्ली पर आक्रमण किया।

पढ़ें – भारत में प्रथम (पुरुष) – First in India (Men) in Hindi

सैयद वंश Syed dynasty (1414-1451 ई.)

सैयद वंश का संस्थापक खिज्र खाँ था। सुल्तान के स्थान पर रैयत-ए -आला की उपाधि मिली। तैमूर लंग ने उसे भारत का शासन सौपा था।

खिज्र खाँ के पुत्र मुबारक खाँ ने शाह की उपाधि ली। उसने यमुना के किनारे मुबारकबाद बसाया।

अलाउद्दीन आलम शाह सैयद वंश का अन्तिम शासक था।

लोदी वंश Lodi Dynasty (1451-1526 ई.)

लोदी वंश का शासन 1451 ई. से 1526 ई. तक रहा। इस वंश में निम्न शासकों ने शासन किया।

  • बहलोल लोदी
  • सिकन्दर लोदी
  • इब्राहिम लोदी

बहलोल लोदी Bahlol Lodi (1451 – 1489)

लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था। दिल्ली पर प्रथम अफगान राज्य की स्थापना का श्रेय बहलोल लोदी को दिया जाता है

उसने 1451 ई. में बहलोल शाहगाजी की-उपाधि से दिल्ली पर शासन आरम्भ किया। बहलोल लोदी ने बहलोल सिक्के का प्रचलन करवाया।

सल्तनत कालीन सुल्तानों में सबसे अधिक समय तक सुल्तान रहा। उसकी सबसे बड़ी सफलता थी जौनपुर को पुनः दिल्ली में शामिल करना।

सिकन्दर लोदी Sikandar Lodi (1489-1517)

1506 ई. में सिकन्दर लोदी ने आगरा की स्थापना की। सिकन्दर लोदी ने गुलरुखी उपनाम से फारसी में कविताएं लिखीं तथा आगरा को राजधानी बनाया।

उसने भूमि की माप के लिए गज-ए-सिकन्दरी का प्रचलन करवाया। उसने अनाज से कर हटाया।

सिकन्दर लोदी की मृत्यु 1517 ई. में हो गई थी। उसके बाद इब्राहिम लोदी इब्राहिम शाह की उपाधि से आगरा के सिंहासन पर बैठा।

इब्राहिम लोदी Ibrahim Lodi (1517-1526)

इब्राहिम लोदी दिल्ली सल्तनत पर लोदी वंश का अंतिम शासक था।

बाबर ने 1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल सत्ता स्थापित की

इसी के साथ दिल्ली सल्तनत Delhi Sultanate का अंत हुआ।

युद्ध स्थल में वीरगति को प्राप्त होने वाला यह दिल्ली सल्तनत Delhi Sultanate का एकमात्र सुल्तान था।

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मध्यकालीन भारतीय इतिहास Medieval Indian History in Hindi

मध्यकालीन भारतीय इतिहास Medieval Indian History को निम्नलिखित भागों में बांटा गया है।

मध्यकालीन भारतीय इतिहास Medieval Indian History in Hindi

पढ़ें – महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय रेखाएँ International Boundary Lines

भारत पर अरबों का आक्रमण Arab invasion of India

भारत पर अरबों के आक्रमण को निम्नलिखित दो भागों में बाँट सकते हैं।

  1. अरब मुस्लिम आक्रमण Arab Muslim Invasion
    • मोहम्मद बिन कासिम Mohammad Bin Qasim (712 AD)
  2. तुर्की मुस्लिम आक्रमण Turkish Muslim Invasion
    • महमूद गजनवी Mahmud Ghaznavi (997 ई.)
    • मुहम्मद गौरी Muhammad Gori (1175 ई.)
    • दिल्ली सल्तनत Delhi Sultanate

मोहम्मद बिन कासिम Mohammad Bin Qasim

भारत पर अरबो का प्रथम आक्रमण 712 ई. में मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में हुआ था। उस समय सिन्ध पर दाहिर का शासन था। सिंध के राजा दाहिर के साथ रावर / रेवार का युद्ध हुआ था।

पढ़ें – रचना एवं रचनाकार – Rachna evam Rachnakar – सेट 1

महमूद गजनवी Mahmud Ghaznavi

महमूद गजनवी 997 ई. में गजनी की गद्दी पर बैठा। उसने भारत पर 17 बार आक्रमण किया। उसका पहला आक्रमण वैहिन्द के शासक जयपाल के विरुद्ध था। अधिकांश आक्रमण खैबर दर्रे से होकर किए गए।

1025 ई. में महमूद गजनवी ने सोमनाथ मन्दिर (सौराष्ट्र) पर आक्रमण किया तथा भयंकर लूटपाट की।

महमूद गजनवी का अन्तिम आक्रमण सिन्ध और मुल्तान के तटवर्ती क्षेत्रों के जाटों के विरुद्ध था

उसकी सेना में तिलक नामक हिन्दू सेनापति था। उसने संस्कृत और अरब मुद्रा लेख के साथ चांदी के सिक्के (दिरहम) चलवाये।

अलबरूनी, फिरदौसी, उत्बी तथा फारुखी जैसे विद्वान् महमूद गजनवी के दरबार में रहते थे। कुछ प्रमुख रचनाए निम्न हैं।

  • अलबरूनी – तहकीक ए हिन्द (अरबी)
  • फिरदौसी – शाहनामा (महान फ़ारसी ग्रंथ), पूर्व का होमर
  • उत्बी – तारीख ए यामिनी (अरबी)

मुहम्मद गौरी Muhammad Gori

मुहम्मद गोरी ने भारत पर पहला आक्रमण 1175 ई. में मुल्तान में किया।

चालुक्य शासक भीम II ने 1178 ई. में मुहम्मद गोरी को परास्त किया था।

1191 ई. में मुहम्मद गोरी एवं पृथ्वीराज चौहान के मध्य तराइन का प्रथम युद्ध हुआ था, जिसमें मुहम्मद गोरी की हार हुई थी।

तराइन का द्वितीय युद्ध 1192 ई. में हुआ। जिसमें गोरी ने पृथ्वीराज चौहान का पराजित कर भारत में तुर्क सत्ता स्थापित की

चन्दावर के युद्ध (1194 ई.) में मुहम्मद गोरी ने कन्नौज के शासक जयचन्द को हराया।

1206 ई. में खोखरों ने मुहम्मद गोरी की हत्या कर दी।

मुहम्मद गोरी के कुछ सिक्कों पर एक ओर कलमा और दूसरी ओर लक्ष्मी की आकृति खुदी थी

इसी समय उत्तर भारत में इक्ता/उक्ता प्रणाली शुरू हुई।

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